STORYMIRROR

Kumar Vikash

Tragedy

5.0  

Kumar Vikash

Tragedy

क्या पता था हमें

क्या पता था हमें

1 min
871


क्या पता था हमें तुम यूँ इस तरह मगरूर

हो जाओगे

बतायेंगे हम तुम्हे दिल का हाल और तुम

दूर हो जाओगे !

क्या पता था हमें तनहाईयाँ हाथों की

लकीरों में तुम लिख जाओगे

जो बात मैं समझा न कभी इश्क में तुम

मुझे समझाओगे !

क्या पता था हमें इस पत्थर को पानी

बना के तुम यूँ छोड़ जाओगे

तुम बहते हुये इस दरिया पे न कभी

इश्क का सेतु बनाओगे !

क्या पता था हमें तुम इश्क में दर्द यूँ

बेशुमार दे जाओगे

थमेंगे न आँसू मेरे और तुम देखकर ये

हाल मेरा मुस्कुराओगे !!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy