तुम भी एक कोशिश कर के तो देखो
तुम भी एक कोशिश कर के तो देखो
अगर कभी मिले मौका तो जरा
इतमीनान से मुझे पढ़ के तो देखो,
मेरे हाल में खुद को भी कभी रख के तो देखो,
एक मैसेज के इंतजार में तुम भी
कभी रात गुजार के तो देखो,
कहीं दिख जाए वह बालकनी में
इसलिए उसके घर के सामने
कड़ी तपती धूप में दिन भर
साइकिल से चक्कर लगा के तो देखो,
बेवजह मुझे पागल यूं न बुलाया करो यारों,
मेरे तरह तुम भी कभी..
एक तरफा मोहब्बत कर के तो देखो।
गलती ना होने पर भी आंसू से
रुमाल गिला कर के तो देखो,
उसके गलती पर भी खुद को
कभी झुका के तो देखो,
खुद से पहले उसके बारे में
कभी सोच के तो देखो,
दिल की बात बताने पर कहीं बनी
हुई दोस्ती ना टूट जाए इस डर से
खुद को हमेशा बोलने से पहले रोक के तो देखो,
बेवजह मुझे पागल यूं न बुलाया करो यारों,
मेरे तरह तुम भी कभी..
एक तरफा मोहब्बत कर के तो देखो।
देने के लिए तोहफ़ा उसके जन्मदिन पर,
अपने पॉकेट मनी से कभी पैसा बचा के तो देखो,
यार तुम भी कभी रोज डे पर एक गुलाब
पचास रुपए में खरीदकर तो देखो,
कोई दूसरा लड़का जब आँख उठाए उस पर,
तो तुम भी कभी उससे झगड़ के तो देखो,
खुदा के सामने उसके ख़ुशी के लिए,
दिन में दस बार नतमस्तक होकर
अपना नाक रगड़ के तो देखो,
बेवजह मुझे पागल यूं न बुलाया करो यारों,
मेरे तरह तुम भी कभी..
एक तरफा मोहब्बत कर के तो देखो।
तुम भी कभी धधकती हुई
आग में हाथ डाल के देखो,
अपने उसको देखने की चक्कर में
कभी साइकिल ठोक के देखो,
बिना पैसों के उसके आँखों में
समंदर पार करके देखो,
जब जब रोके तुम्हारा मन उस समय
खुद पर तुम वार करके देखो,
बेवजह मुझे पागल यूं न बुलाया करो यारों,
मेरे तरह तुम भी कभी..
एक तरफा मोहब्बत कर के तो देखो।
गलती से वह कभी कभार
नाम ले जाती थी मेरा,
मेरे तरह तुम भी अपने उसके ऐसे
गलतियों के लिए तरस के तो देखो,
अपनी पसंदीदा चीज़ को भी
उसके लिए नापसंद बना के तो देखो,
मेरे तरह कॉपी के आखिरी पन्ने में
तुम भी चुपके से उसका नाम लिख के तो देखो,
तुम भी कभी सितारों के दुनिया में
चांदनी को चुन के तो देखो,
बेवजह मुझे पागल यूं न बुलाया करो यारों,
मेरे तरह तुम भी कभी..
एक तरफा मोहब्बत कर के तो देखो।
उसके सौ दफा मना करने के बावजूद भी
तुम उससे एक बार और प्यार करके तो देखो,
चींटी जैसे लिपटती है गुड़ में तुम भी कभी
वैसे उसके प्यार में लिपट करके तो देखो,
उसके हर परेशानी में खुद को
हमेशा आगे करके तो देखो,
उसकी बिंदी में ही समेट जाएगी दुनिया,
कभी मेरे तरह उसको चाह के तो देखो,
बेवजह मुझे पागल यूं न बुलाया करो यारों,
मेरे तरह तुम भी कभी..
एक तरफा मोहब्बत कर के तो देखो।
जनाब तुम भी कभी किताब के पीछे
चेहरा छुपा के उसे घंटों तक घूर के तो देखो,
गलती से उसकी कलम छूट जाने पर,
उठाकर उसे अपने पास सात
साल तक संभाल के तो देखो,
पाने के लिए उसे कभी अपना
खून उबाल कर के तो देखो,
बेवजह मुझे पागल यूं न बुलाया करो यारों,
मेरे तरह तुम भी कभी..
एक तरफा मोहब्बत कर के तो देखो।