कभी वृद्धाश्रम में वृद्धों के रूप में मैंने फरिश्तों को देखा है। कभी वृद्धाश्रम में वृद्धों के रूप में मैंने फरिश्तों को देखा है।
फरिश्तों ने जिसका सजदा किया होगा.... वो कोई पीर रहा होगा. फरिश्तों ने जिसका सजदा किया होगा.... वो कोई पीर रहा होगा.
जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूरा करते दे जब मैं बोल भी नहीं पाता था.. सिर्फ़ मेरे इशारों से मैंने उन्हें हर ख्वाहिश पूर...
तू माँ है - माँ से ज्यादा तेरी पहचान क्या लिखूं तू माँ है - माँ से ज्यादा तेरी पहचान क्या लिखूं