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Abhishu sharma

Fantasy Inspirational Children

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Abhishu sharma

Fantasy Inspirational Children

रानी की कहानी

रानी की कहानी

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तिक तिनक धिक तिनक टाऊं टाऊं  तारा 

कुमारी -ज्ञानी फिर हो गई नौ दो ग्यारह

एक बारी जाती तो फिर पलट के वापस ना आती 

एक दो तीन चार दिन हो जाते पूरे बारह

इस गरमागरम किस्से को थर्मामीटर से नापा तो पाया 

हैप्पीनेस का थोड़ा सा गिर गया था पारा 

मशहूर जासूस महाशय मुस्की को फिर पास पुकारा 

बूझो देखो आखिर क्या है ये सारा माजरा 

हो जाती मशगूल कहाँ  रहती है वो

 

महाशय मुस्की ने पीछा किया 

उसने कुमारी -ज्ञानी को बिज़ीयत की अस्त -वस्त की यातायात में

उस बोरिंग दुनिया में जाते देखा 

मुस्कराहट से ट्रेडमिल पर भागते देखा


ख़ुफ़िया ऐ,आई वाली दुनिया के पहिये में सरपट घूमते देखा 

उंगली दबाके अंगूठे से हंसी का खरगोश निकालने वाली को 

चकरघिन्नी बनकर घनचक्कर होते देखा 

ठेंगें की मालकिन को फ़र्ज़ी से सच में झूठ का तड़का मिलाते देखा 


अमृतवाणी हुई -इस दुःख दर्द की बस एक है दवा 

नाचो गाओ धूम मचाओ पहले जैसे पीछे आगे

 आगे पीछे 

पीछे आगे 

 चलते चले रुक जाओ या

 चलते रुकते चलते चलो 

चलो रुको 

रुको चलो 

कुछ भी हो बस

चलते चलो

रुकते चलते रुकते चलो 

रूठी ठहरी रास्ते की सवारियों को , संग साथ में लेते चलो 

यूं ही चलते चलते 

हवा की तरह बहते चलो 

यहां कोई नियम कायदे नहीं की बंधते चलो 

तौर तरीकों का उठता गुबार नहीं , कुछ सही गलत नहीं 

तिक तिनक धिक तिनक  टाऊं टाऊं तारा  

चिक चक चिक चिक चक 

पहन कर अपनी पसंदीदा ड्रेस चाहे घाघरा या शरारा 

या जीन्स टीशर्ट का वो पुराना जोड़ा प्यारा 

मस्ती की धुन पर हँसते गाते मुस्कुराते जाना

कोई रोक टोक की दीवारें नहीं यहां एक भी दाना 

कोई सोने चांदी का जंजाल नहीं , ना ही कोई ताना बाना

यहां वहां सब जगह बस

 नाचो धूम मचाओ गाओ यही गाना 


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