सुहाग
सुहाग
हाथों में सजती मेहंदी,
नाम तुम्हारे प्यार की
पिया के मन को खूब भाए
प्रीत बहार की
चूड़ी ,कंगन, माथे की बिंदी
ये,पायल की छनछन
सिंदूर, कुमकुम श्रृंगार है तुमसे
तुझसे जीवन में खनखन
तीज-त्यौहार तुझसे है जचता
तुझसे है सारा श्रृंगार सजता
इस जिंदगी का साहिल हो तुम
तुझमें ही है जीवन बसता
जिंदगी की सारी खुशी है तुमसे
तुमसे ही ये सारा जहां हैं
तुझ बिन नहीं है कुछ भी
तुझ बिन ज़िंदगी कहाँ है
होंठो की हँसी हो तुम
चेहरे की मुस्कान हो
मेहंदी है जचती तुझसे
मेरे जीवन की जान हो।
