मेरा भारत
मेरा भारत
सब तारों से प्यारा तारा,
नीलगगन का ध्रुव-सितारा।
जिसकी पुंज से सारे जग में,
फैला है स्वर्णिम उजियारा।।
आलोकित है समूची वसुधा,
मेरा भारत है इतना प्यारा।
बोलो मिलकर सारे बोलो,
बोलो जय हिंद का नारा।।
खड़ा हिमालय अडिग, अचल,
निर्भीकता हमको सिखलाये।
डटे रहता वो कर्तव्य पथ पर,
तूफ़ान चाहे लाखों आ जाये।।
कल-कल करती बहती नदियाँ,
गतिशीलता का पाठ पढ़ाये।
कोई राह न बताये उसको,
वो खुद आगे बढ़ती जाये।
प्यारी जन्मभूमि हमारी,
हमको सिखलाती जीवनधारा।
बोलो मिलकर सारे बोलो,
बोलो जय हिंद का नारा।।
इसकी शान न जाने पाये,
इसपे आँच न आने पाये।
इसकी रक्षा में कितने,
वीरों ने हैं प्राण गँवाए।।
संकल्प लो आज कि,
मिलकर कदम बढ़ायेंगे।
भारत की प्रगति हेतु,
हम सब भी जुट जायेंगे।।