नई किरण
नई किरण
देश की अमानत आजादी में
नारियों का था भरपूर साथ,
अपने देश की रक्षा हेतु,
तलवार थे रानी लक्ष्मी के हाथ।
पर क्या स्थिति है आज देश में,
कन्या की किसी को चाह नहीं ,
बढ़ रही है कन्या भ्रूण हत्या
सच है ये अफवाह नहीं ।
आज देश में कई बालिका पढ़कर ,
सच्ची नागरिक बन जाती हैं।
ऐसे भी हैं कई जो,
आत्मविश्वास के बिना,पढ़ नहीं पाती हैं।
उचित शिक्षा न होने के कारण,
नैतिक मूल्य कम हो जाते हैं,
नवोदित प्रतिभा के अंकुर तब,
इनमें प्रसुप्त हो जाते हैं।
गरीबी,अज्ञानता के कारण,
जीवन को बोझ समझ दब जाते हैं,
आगे चलकर देश की
प्रगति में,
प्रश्नचिन्ह जो लगाते हैं।
यदि उचित शिक्षा,सदगुण मिले तो
देश के विकास में भागीदार बनेंगे,
कल्पना ,इंदिरा जी सा कार्य कर ,
देश का रौशन नाम करेंगे।
समय आ गया है अब,
जागेंगे हम,औरों को भी जगाएंगे।
बालिका रुपी नन्हीं किरणों के,
प्रतिभा को देश में फैलाएंगे।
इन नन्हीं किरणों को सही दिशा मिलेगी
होगा उनकी प्रतिभा का विकास,
फैलेंगे ये नई प्रज्ञा लेकर,
होगा बालक-बालिका में भेद-भाव का नाश।
आओ ऐसी आवाज उठायें
मिलकर हम कदम बढ़ायें,
राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में,
बालाओं को जागरुक सहभागी बनाएं।।