अधिकार
अधिकार
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कुछ कविता मैं भी सुनाना चाहती हूँ।
गरीबों की स्थिति पर, प्रकाश डालना चाहती हूँ।।
क्या उन्हें खाने-पीने का अधिकार नहीं?
क्या उन्हें खुशियाँ मनाने का अधिकार नहीं?
और अगर है, तो लोग उनकी हँसी क्यूँ उड़ाते है?
धूल से उन्हें फूल बनाने, आगे क्यूँ नहीं आते है?
लोग उनका और अधिक शोषण कर जाते है।
शोषित हो वे काल के गाल में जा समाते है।।
अगर हमें भारत को फिर से सोने को चिड़िया है बनाना।
तो गरीबों की मदद कर, उन्हें भी समान दर्जा है दिलाना।।