ना जाने कितनी गन्दगी की, की तू सफाई फिर भी तू अब भी अबला ही कहलाई। ना जाने कितनी गन्दगी की, की तू सफाई फिर भी तू अब भी अबला ही कहलाई।
तो फिर माँ के बताए फार्मूलों की बारी आती, और कामयाबी तुरंत मिल जाती तो फिर माँ के बताए फार्मूलों की बारी आती, और कामयाबी तुरंत मिल जाती
फिर से उसके जीवन के सफ़हे किसी और ने लिखे फिर से उसकी सांसों की गिनती रोकी किसी ने कह फिर से उसके जीवन के सफ़हे किसी और ने लिखे फिर से उसकी सांसों की गिनती रोकी किस...
वह छोड़ गया उसको जिसने उसे रुतबा-इ-खुदा माना था। वह छोड़ गया उसको जिसने उसे रुतबा-इ-खुदा माना था।
क्यूँ हो जाता है वही पिता पतझड़ में खड़ा एक दरख़्त - सा। क्यूँ हो जाता है वही पिता पतझड़ में खड़ा एक दरख़्त - सा।
भगत सिंह हीरो है अपना जिसने देखा था आज़ादी का सपना सिर्फ भाषण और बातो से आजादी नहीं आय भगत सिंह हीरो है अपना जिसने देखा था आज़ादी का सपना सिर्फ भाषण और बातो से आज...