दहेज प्रथा
दहेज प्रथा
दहेज प्रथा प्राचीनकाल से है प्रचलित।
वर-वधु को उपहार में, देते आशीर्वाद सहित।।
पर आधुनिक युग में, बदल गया है इसका रुप।
दहेज प्रथा से वर-मूल्य हो गया इसका स्वरुप।।
दहेज जुटा न पाने से रुकी हुई है बेटियों की शादी।
दहेज प्रथा के कारण ही उनके जीवन की होती बर्बादी।।
दहेज प्रथा आज सभी परिवार के लिए है एक समस्या।
शायद यही कारण है, जिससे बढ़ रही कन्या भ्रूण हत्या।।
शादी के बाद भी, वरपक्ष करता दहेज की मांग।
फिर भी दहेज न मिले तो लेते वे वधु की जान।।
यही तो एक कारण है, वधुओं की आत्महत्या का।
न जाने कब हल होगा, राष्ट्र-पतोन्मुखी इस समस्या का।।
है मेरा कहना ये, नियम मानव बनाता, तोड़ता भी वही है।
दहेज प्रथा की बुराईयों के लिए, नई क्रान्ति ही सही है।।
दहेज की ज्वलंत समस्या से, नारियों को बचाना होगा।
देश और समाज में, अब जन-जागरूकता लाना होगा।।