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लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

Classics

3  

लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

Classics

हम ख़ुद न पालन करते

हम ख़ुद न पालन करते

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सत्य कभी न मरने दूँगा,

अपने को कभी न झुकने दूँगा।

ऐसा हम सब है कहते,

हम ख़ुद ही न पालन करते।।


झूठ कभी न बोले बच्चे,

बने नेक ख़ूब हो सच्चे।

किसी से न मिलने का मन हो,

कह दो न हूँ, बच्चों से कहते।।


हम हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,

आपस में है सब भाई-भाई।

मंदिर-मस्जिद के नाम पर हम,

अक्सर आपस में हैंलड़ते।।


सच के पथ पर चलना है,

ईर्ष्या जलन न रखना है।

दूजे का धन वैभव देख,

झट से ईमान अपना बदलते।।


मात-पिता की सेवा करना,

भाई-बहन पर प्यार लुटाना।

हम सबको देते यह शिक्षा,

पर इनको ही हम भार समझते।।


धन-दौलत व पद-प्रतिष्ठा,

पाकर अभिमान हमें आ जाता।

अपनों को भी न पहचाने,

घमंड में तन कर हम है चलते।।


बड़ी बड़ी हम बातें करते,

उस पर अमल न है करते।

दूजे से हमें जो रहे अपेक्षा,

उस पर हम ख़ुद ही न चलते।।


लगती उनसे है चिढ़ मुझको,

जो सच्चाई न है कहते।

मुख पर हाँ में हाँ मिलाकर,

पीठ पीछे है बुराई करते।।


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