हर तरफ़ लगी है ये कैसी आग जाने इस आग में क्या है बात. हर तरफ़ लगी है ये कैसी आग जाने इस आग में क्या है बात.
मैंने ईर्ष्या किया जीभर के, ईर्ष्या, तेरी भावना को पल-पल हर बार महसूस किया मैंने खुद मैंने ईर्ष्या किया जीभर के, ईर्ष्या, तेरी भावना को पल-पल हर बार महसूस क...
स्वछन्द जीवन मेरा बहती धारा सा स्वछन्द जीवन मेरा बहती धारा सा
इर्ष्या की भावना को कभी खुद में जगने नहीं दिया, कभी इस भावना तक अपने आप को पहुँचने ना इर्ष्या की भावना को कभी खुद में जगने नहीं दिया, कभी इस भावना तक अपने आप को प...
इंसान हर तरह से टूट जाता है और चाह कर भी उसकी भरपाई नहीं हो पाती इंसान हर तरह से टूट जाता है और चाह कर भी उसकी भरपाई नहीं हो पाती
देख जमाने का ये उल्टा चलन देख जमाने का ये उल्टा चलन