बेपरवाह
बेपरवाह
उड़ता हूँ खुले आकाश में,
बादल हूँ, खुशबू हूँ या कोई हवा हूँ।
बेफिक्र बिल्कुल बच्चों की तरह हूँ,
हाँ, मैं बेपरवाह हूँ
हाँ मैं ऐसा नहीं करता।
खेलता हूँ जी -जान से ज़िन्दगी को,
हार -जीत की परवाह नही करता।
तुम्हारी चीज़- पैसे आंख भर कर कभी देखे नही
अपनी पुरानी खुशियों के लिफ़ाफे भी फेंके नही।
दुख तकलीफों को भुलाता चला आया हूं
लोगो की अच्छी बातें, दिल में बसाता आया हूं।
हँसी तानों की बात अगर, तो समझो मैं बहरा हूँ
मनमौजी बिल्कुल बच्चों की तरह हूँ।
हाँ, मैं बेपरवाह हूँ
हां मैं ऐसा नही करता
मैं तो जीता हूँ आज में,
कल की परवाह नही करता।
