यादें
यादें
यादों की महक से, जिंदगी का हर.पल है महकता,
दिल की रहगुजर मे जैसे ,बरसता हो जैसे रजनीगंधा,
इनकी पुरवाइयो से ,गुलजार होती है तन्हाई की सिहरन
सूकून के पलो मे जैसे ,बीतता है किसी का बचपन।
दिल और दिमाग दोनो के बीच पनपता है, एक रूहानी रिश्ता
यादो के दरीचो से जब दोनो ही झांकते है एक ही नजर से वाबस्ता
यादों का रुह मे बस जाने का, अपना मुकम्मल मुकाम है,
वरना जिंदगी की हर शह के, मिट जाने की चर्चा सरेआम है।