हिन्दी
हिन्दी
हिन्दी(1)
सभ्यता संस्कृति (2)
की अनुपम भव्यता(3)
स्वर, व्यंजन मिश्रित अद्भुत (4)
मधुर, वात्सल्य वाणी की पावनता(5)
समस्त भाषाओं का उद्गम " गौमुख "सद्रश (6)
भावों की गंगा, विचारों की यमुना परष्क्रत(7)
विभिन्न मात्राओं से अलंकृत, शब्द, अर्थ, संधियों से सुसज्जित(8)
संज्ञा, सर्वनाम, पर्यायवाची, विलोम, समानार्थक, विभक्ति, वचनों, का प्रयाग, (9)
विस्तृत ज्ञान की जननी, विश्व की भाषाओं का सुनहरा राग, (10)
वैज्ञानिकता सूत्रों का आधार है, आकाशगंगा सरीखा ज्ञान का विस्तार है(11)
वेद, पुराण, काव्य, महाकाव्य, स्तोत्र, मंत्रोच्चार, जप, तार्किकता, आध्यात्मिकता, जिसके प्रमाण है, (12)
ऐसी अलंकृत, सुसज्जित, सहज, सरल, ज्ञान पुंज मात्रभाषा हिन्दी को मेरा प्रणाम है, (13)
धन्य" हे भारत"धन्य , धन्य "देवनागिरी"हिन्दी जो विश्व में हमारी आलौकिक पहचान है।(14)