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Nikita Panchal

Abstract

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Nikita Panchal

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कभी तो आया करो

कभी तो आया करो

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कोई हसींन शाम हों और दोस्तों के साथ मिलाया करों

वैसे इश्क़ तो कॉफी से हैं पर आज़ चाय का जाम पिलाया करों


में ठहर जाती हूं, तुम कुछ प्यार के नगमे सुनाया करों

हैं अगर हमसे इश्क़ आपको तो थोड़ा जताया करों


नए हैं ईस शहर में हम, कहीं हमे गुमाया करों

अहेम दोस्त हों आप हमारे लेकिन दोस्ती हमें सिखाया करों


जीते जीते एक दौर गुज़र गया हैं ज़िंदगी के सफ़र में 

खुश रहेने का हुन्नर हैं लेकिन दर्द सहेना भी बताया करों


खो लिया हैं हमने ख़ुद को कहीं इस महेफ़िल में दोस्त

शुक्र गुज़ार होगे आपके हमें ढूंढ के हमसे मिलाया करों।


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