बेरंग
बेरंग
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बेरंग सी हैं ये दिल की जमीं
कोई उसपे प्यार के रंग भरो
बंजर हो पड़ी हैं कब से जमीं
कोई प्यार का एक पाैधा डालो
नहीं इतने बेरहेम हम जनाब
कोई हमसे प्यार तो जताओं
बेकार में ही हम उलझ गए हैं
कोई हमें तो प्यार से सुलझाओ
खोने का डर था तुमको हमेशा
कोई इन जनाब को समझाओ
नहीं छोड़ा करते हाथ यूं किसी का
निक्स को तुम अब अपना बनाओं।
