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Nikita Panchal

Abstract

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Nikita Panchal

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शिवाय

शिवाय

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ना आदि हैं ना अंत हैं 

वो तो मेरे महाकाल हैं


ना फूलों की महेच्छा हैं

ना महाभोग की आदत


मेरे महादेव को याद करो

ना आए कोई अड़चन


भभूत लगाएं समशान रहे

आत्माओं का उद्धार करे


सबको माने समान शिवाय

सबके हैं बने वो विश्वनाथ


बड़े भोले हैं भोलेनाथ

सबके रक्षक हैं शिवनाथ।


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