कलेवर
कलेवर
तुममे गर
कुछ है
नया तो वह
खुद उभर कर
आएगा
याद रखना
वो फकत
बाज़ार में
नहीं मिल
पाएगा
खुद चुनों
महसूस करके
मिट्टी मथकर
तुम गढो
देखना तब
घड़े में
नव कलेवर
आएगा
क्या दिखाना
आप क्या हैं
उनको खुद
अहसास हो
हमको खो कर
क्या मिला
उनको
सालता
रह जायेगा
फकत मंज़िल
खोजना
क्या यही है
जिंदगी
हम हंसे तो
मुस्कुरादे
जिंदादिल
यह कारवाँ
रह जायेगा
याद रखना
वो फकत
बाज़ार में
नहीं मिल
पाएगा
तुममे गर
कुछ है
नया तो वह
खुद उभर कर
आएगा।