Professionally a banker but my sole is for literature, music & tasty food.
पहर से दिन, दिनों से माह तो माह से बरस निकल जाता है पहर से दिन, दिनों से माह तो माह से बरस निकल जाता है
दर्द में खुशियां झट से खोजे दर्द में खुशियां झट से खोजे
हंसना, रोना, अपने आप कहां मुमकिन संवेदी संवाद को अभिव्यक्त कराता मन हंसना, रोना, अपने आप कहां मुमकिन संवेदी संवाद को अभिव्यक्त करा...
ए सुनो कभी अपना असली चेहरा तो दिखाना मुझको। ए सुनो कभी अपना असली चेहरा तो दिखाना मुझको।
कई दिनों से नाराज़ नहीं हुआ है वो इतना चुप चाप कभी नहीं रहा है वो। कई दिनों से नाराज़ नहीं हुआ है वो इतना चुप चाप कभी नहीं रहा है वो।
कितना आसान है मिटाकर लिखना उतना मुश्किल है इक दफा लिखना। कितना आसान है मिटाकर लिखना उतना मुश्किल है इक दफा लिखना।
जलाने को सौ घर कम हैं जिस्म में शोला जलाए रखता है जलाने को सौ घर कम हैं जिस्म में शोला जलाए रखता है
खुशियां साझा हो जाएं कभी यूं कोई दिन,रात को सजा जाए। खुशियां साझा हो जाएं कभी यूं कोई दिन,रात को सजा जाए।
जिनकी जिद चली गयी जिनकी जिद चली गयी
याद है झरना कभी यहां होता था बुर्ज देख के सिमट गए हैं बादल याद है झरना कभी यहां होता था बुर्ज देख के सिमट गए हैं बादल