STORYMIRROR

Devendra Tripathi

Abstract

4  

Devendra Tripathi

Abstract

टिमटिमाते तारे

टिमटिमाते तारे

1 min
362

चमचमाती रातें और टिमटिमाते तारों का साथ,

हज़ारों ख़्वाहिशों और ढेर सारे उम्मीदों का ख़्वाब,

कुछ बनते रिश्ते कुछ टूटते तारों का साथ,

कुछ उम्मीदों में लपेटे हुए अरमानों का ख़्वाब...

कुछ चलते कुछ ठहरे तारों का साथ,

कुछ टिमटिमाते कुछ थोड़े मद्धम से होते ख़्वाब,

चाँदनी बिखेरते, रोशनी फैलाते रातों का साथ,

चांद की रोशनी में फैली मोहब्बत के ख़्वाब...

इश्क़ में डूबी मोहब्बतों की रातों का साथ,

मखमली चादर में पड़ती सिलवटों के ख़्वाब,

हसीन पलों को गवाही बनाती रातों का साथ,

एक दूजे में घुलती हुई चमचमाती रातों के ख़्वाब...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract