STORYMIRROR

Ajay Gupta

Classics

4  

Ajay Gupta

Classics

आस-प्रभात

आस-प्रभात

1 min
284

आज हुआ जो उससे सीखो

आने वाले कल को देखो

बीत गई अच्छा वो भूले

बीती रात कमल दल फूले


खुशबू आएगी मेहनत की

धीरज से भी महक उठेगी

संयम की सुरभि भी छू ले

बीती रात कमल दल फूले


सुख-दुख दोनों याद रहेंगें

जीवन संध्या का धन होंगें

पल जीवन के ये अनमूले

बीती रात कमल दल फूले


सावन फिर से भी आएगा

बरखा फिर से भी बरसेगी

फिर होंगें उत्सव के झूले

बीती रात कमल दल फूले


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics