प्रीत भरा प्याला
प्रीत भरा प्याला
एक चाय से भरा प्याला अकेले ही
आपके अकेलेपन में उभरती
माथे पर शिकन -सिलवटों पर अपनी नरम गर्माहट से
मेहनत और लगन की नई-नवेली
ऊर्जा -स्रोत का उपकारी उपचार-सा हाथ फेरकर आपके
एकांत के कोने में छुपे अंधेरे को भी
हसीं और मंजुल रूप देता है ,
अपनी परछाई संग अठखेलियां करना सीखा देता है
एक चाय से भरा प्याला अकेले ही
मेरी कल की हुई मेहनत पर आज की
असफलता का दाग नहीं लगने देता है
एक चाय से भरा प्याला अकेले ही मेरी जीत
मेरी आईने वाले की कामयाबी सुनिश्चित करता है
एक चाय से भरा प्याला अकेले ही मेरी हंसी
मेरी बुनियादी खुशियों को मंच देता है
सुबह शाम रात दोपहर चाहे कोई भी हो पहर
उसकी एक झलक से तन मन में होता है
रंगमंच के रोमांच-सा असर
