बरसात निराला
बरसात निराला
बरसात का सुंदर दृश्य निराला
पेड़ों पर है झूला सुन्दर डाला
फूलों से सब लदी हैं डाली
वृक्षों पर सूरज की लाली,
नदियाँ बहती कल-कल करती
सुरभित पवन तपन सब हरती
झरने झर-झर झर-झर झरते
मानो हमसे वे कुछ कहते,
नभ में पक्षी निकल पड़े अब
एक साथ सब उड़ते मिल अब
घर से बाहर निकल के आओ
दृश्य अलौकिक आनन्द पाओ,
प्रातः की यदि सैर करोगे
रोग-मुक्त और स्वस्थ रहोगे
अंतर का रूपांतर कर लो
प्रेम ख़ज़ाना उर में भर लो।
