धन्य है वह आँगन जिसमे रहे यह लक्ष्मी, भाग्यवान हूँ में की वह है मेरी मौसी। धन्य है वह आँगन जिसमे रहे यह लक्ष्मी, भाग्यवान हूँ में की वह है मेरी मौसी।
जुड़ भी गए तो गाँठें कैसे खोलोगे। जुड़ भी गए तो गाँठें कैसे खोलोगे।
पहचान के कुछ हल्के अंश दोनों के दरमियां रहने तो दो। पहचान के कुछ हल्के अंश दोनों के दरमियां रहने तो दो।
चक्रव्यूह से बाहर आने का मार्ग स्वयं ही खोजना होगा। चक्रव्यूह से बाहर आने का मार्ग स्वयं ही खोजना होगा।
समझा दुनिया ने, अरे ! देखो यह कितनी ! समझदार हो गयी, मैं बावली, जाने कहाँ खो गई ! समझा दुनिया ने, अरे ! देखो यह कितनी ! समझदार हो गयी, मैं बावली, जाने कहाँ खो ...
टुकड़े टुकड़े हैं सब, इन टुकड़ों में कहीं खोई है उम्मीद उठा लो कुछ टुकड़े और जोड़ लो, हो जाऊँ मैं त... टुकड़े टुकड़े हैं सब, इन टुकड़ों में कहीं खोई है उम्मीद उठा लो कुछ टुकड़े और जो...