day-29 पौराणिक कथा (शिव शंकर)
day-29 पौराणिक कथा (शिव शंकर)
डब डब डमरू बाजे, धरती आसमान सजे सारे
महादेव को करते नमन सारे
शिव शंकर हर लेते संकट सारे
आशीर्वाद उनका हम सब पर बना रहे
ॐ नम शिवाय का जाप करते भक्त सारे
जटाओं में गंगा लिए, मस्तक पर चाँद धारण किए
मानव कल्याण के लिए सदा जो जिए
भक्तों के राह में बाबा बिखरते फूल
मिटा हर कष्ट चला त्रिशूल
भक्तों को स्वर्ग दिया, खुद ने विषपान किया
दुष्टों का संहार किया, तीनों लोकों का उद्धार किया
शिव शंकर के गले में शोभित नागराज है
जटा में उनके गंगा की धार है
करते सबका बेड़ा पार, वो पूजनीय है वो पालनहार
तीसरे चक्षु से बहे अग्नि धार, क्रोध रूप जिनका रौद्र, मौन रूप जिनका शून्य
बेलपत्र के अर्पण से रहता जो प्रसन्न
भक्त करते पूजा अर्चन
मस्तक पर जिसके चंदन करते सब उनका वंदन, कर देते जो उज्जवल अंतर्मन
भोले बाबा की माया भोले बाबा जाने
भक्तों को अपने वो खूब पहचाने
प्रिय उन्हें धतूरा, भंग
देवताओं संग मिल खेले महादेव फाग
वो कैलाशपति, वो उमा पति, वो महाकाल, वो नटराज
शिव पार्वती का भक्त करते गुणगान
जिसकी महिमा अपरम्पार
बना रहे भक्तों पर शिव शंकर का आशीर्वाद!
