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Deepa Saini

Classics

4  

Deepa Saini

Classics

चांद पर भारत

चांद पर भारत

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आजादी के 75, 76 सालों के बादl

 बहुत हुआ था इंतजार,

धरती मां काll

 दूर है मामा का घर हमारेl इसलिए शायद हृदय उदास हैं मां का l 

कब से राखी लेकर बैठी थी जाने की जिद करती थी।

 मामा के घर पर l

हम कहते थे मां, चंदा मामा दूर केl

 सदियां बीती और हमने कहा तेरे वास्ते में चांद लाऊंगाl

 तेरे वास्ते फलक से मैं चांद लाऊंगा 16, 17 सितारे साथ लाऊंगा l


मां को आस लगी और आजादी के अमृत महोत्सव में याद

फिर भाई की आई तो बोल उठी रक्षाबंधन से पहले ही,l


 राखी के साथ मामा जी के घर जाने की जिद लगीl

 इस पर हमने कहा निश्चिंत रहिए मां l

चंदा मामा घर के हैंl

 मां तेरा लाल यह लेकर जाएगा l

हृदय द्रवित हो मामा जी का जरूर पिंघल ही जाएगाl


 और एक बेटा आज मां का वचन निभाएगाl

 सनातन यही है हमारी संस्कृति इसे न कोई ले जाएगाl

 हम जाएंगे सबसे पहले धरती मां तेरे लिए और कोई नहीं जाएगा l

जो जाएगा हमसे पहले चूर-चूर हो जाएगा l

मेरे मामा राखी की लाज कौन बचाएगा l

विक्रम तुम्हें, बताइएगा ?


तभी यह हिंदुस्तान तिरंगा फहराकर रक्षाबंधन मनाएगाl

 भारत की इस चंद्र विजय पर भारत भारत की l

विश्व भी ललचाएगा l

 क्या पता था? विक्रम तुम्हारे जाने की खुशी में सूरज निकालना भूल जाएगा l

पर देखो आज मेरी हर जिज्ञासा का समाधान हो जाएगाl

 यूं तो सब तेरे हैं मेरे चांद यूं तो सब तेरे हैं मेरे चंदा मामाl

 मेरे चंदा मामा पर आज तू मेरा हो जाएगाl


23 अगस्त 2023 का यह दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम बन जाएगा l

और इस विश्व से अपनी तकनीकी का लोहा बनवाएगाl

वंदे मातरम जय हिंद जय भारत धरती माता को प्रणाम

मैं सकुशल मामा जी के घर से लौटाऊंगाl

 न जाने कितने रहस्यों को साथ लाऊंगा l


और चंदा मामा का क्या राज है ? यह दुनिया को बतलाऊंगाl

 खुशबू रहेगी जब तलक ईमान की l

ताकते अंतरिक्ष तक चलेगी जय हिंदुस्तान की जय हिंद जय भारत।


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