sabki diwali
sabki diwali
काजू कतली घर-घर घूम कर आए हैं इस दिवालीl
सबके घर आई है झालर मेरे घर क्यों नहीं वह वालीl
सोन पापड़ी है तैयार घर घर जाने को हुई रेडी इस दिवालीl
कितने शिकायत चांद को हुई रात यह है अमावस वाली l
हटकर बोला चांदराम जैसे सब खुश है पर मैं कहां हूं यह रात तो है अंधेरे वाली l
मत घबराओ है चांद तुम रामचंद्र कहलाओगे बस हर दिवाली l
मम्मा हर बार सुनाते हो तुम यही वाली l
कहां गए हमारे वह तस्वीर रंगोली वाली l
मुझे सुनाओ कहानी कुछ दादी वाली l
इस दिवाली गांव के उस घर में जाएंगे ताई जी ताऊ जी चाचा जी दादा जी के साथ रंगोली बनाकर मनाएंगे यह दिवाली l
पहनकर लहंगा चोली हाथों में डालेंगे चूड़ी इस दिवालीl
काली बिंदी माथे पर मेहंदी हाथों पैरों पर होठों पर होगी लालीl
जगमग आएगा दीपूll से घर यह देश इस दिवालीl
हैप्पी दिवाली आप की दिवाली मेरी दिवाली सब की दिवाली हैप्पी दिवालीl
