मेरा भारत युग युग से
मेरा भारत युग युग से
अपने दादाजी से पूछो ,अपने नाना जी से पूछो
जब बच्चे घर पर ही पैदा होते थे
तो उनकी नाड़ी किसने काटी थी।
पैदा होते नवजातों को
सबसे पहले किसने छूआ संभाला।
शादी के मंडप को नाई धोबी ने ही सदा संवारा।
मंडप में लड़के वाले से
नाई धोबी के कपड़े मांगे जाते थे।
भोजन के दोने पत्तल कुल्हड़
नाई कुम्हार ही लाते थे
घर की छत घर के मंदिर को
कारीगर से ही बनवाते थे।
व्रत यज्ञों की सूप टोकरी पूछो तो
किससे बनवाते थे।
खेती के औजार हमारे लोहारो ने सदा बनाए।
चूल्हे लकडी कंडे युग युग से
किन हाथों से हो कर आए।
मरने पर मरघट में चिता सजाने में
किस किसने हाथ लगाए।
तुम ही बताओ है कौन सी जाति
जो समाज के काम न आए।
हम हिंदू सदियों से आपस में
मिल जुलकर ही रहते थे।
और इसी को समरसता का
ताना वाना कहते थे।
राम निषाद और शबरी के
साथ प्रेम से रहते थे।
कृष्ण सुदामा के पैरों को
धोकर नेह से रहते थे।
ऊंच-नीच और भेदभाव की
नफरत पहले न होती थी।
व्याह सगाई हर सामाजिक उत्सव में।
हर जाति साथ में होती थी।
षड्यंत्र से अंग्रेजों ने
फूट-फूट डालकर राज किया।
यह नफरत का जातिवाद
हम सब लोग में बांट दिया।
जागो भारत वाले जागो जागो।
हिंदू भाई सारे जागो
जांच पात का भेद मिटाओ।
भारत को मजबूत बनाओ।
