मुलाकात का असर
मुलाकात का असर
तेरी मुलाकात का असर रहता है
जज़्बात में एहसास का असर रहता है।
मैं कह लेता हूँ कुछ बातें युूँ ही,
उसमें तेरे इंकार का असर रहता है।
मन बहुत होता है तुझसे मिलने का,
पर तुझपर कायनात का असर रहता है।
मैं दिल को संभाल नहीं पाता हूँ
जब तुमपर मेरे प्यार का असर रहता है।
इश्क मेरा जुनून बन जाता है
जब मुझपर तेरी बात का असर रहता है।
मालूम नही कितनी बेबसी से जीता हूँ
हाँ अब हर साँस पर सांस असर रहता है।
जिंदगी छोटी पड़ जाती है देखों
चेहरे पे अब सुबह शाम का असर रहता है।
तेरी मुलाकात का असर रहता है
जज़्बात में एहसास का असर रहता है।

