आदि से अंत तक पहेली रही औरत की ज़िंदगी, पली कहीं सजी कहीं, बे आवाज़, बे ज़ुबान आदि से अंत तक पहेली रही औरत की ज़िंदगी, पली कहीं सजी कहीं, बे आवाज़, बे ज़ुबा...
जी तो सकती हूं अकेली लड़ सकती हूं मैं अपने भाग्य से पर बंधी हूं जी तो सकती हूं अकेली लड़ सकती हूं मैं अपने भाग्य से पर बंधी हूं
मारा गया गरीब, देख ली चौकीदारी। मारा गया गरीब, देख ली चौकीदारी।
खुद रहती हूँ हरदम अभावों में मैं, पर देती हूँ सबको अभयदान मैं। खुद रहती हूँ हरदम अभावों में मैं, पर देती हूँ सबको अभयदान मैं।
मैं आज़ादी ... सशक्त ,प्रबल ,प्रतिभावान सतेज,सुलभ,भोली मुस्कान !!!! मैं आज़ादी ... सशक्त ,प्रबल ,प्रतिभावान सतेज,सुलभ,भोली मुस्कान !!!!
उनके आशाओं को रौंदता शोषित करता निम्न वर्ग को उनके आशाओं को रौंदता शोषित करता निम्न वर्ग को