STORYMIRROR

Uma Bali

Inspirational

4  

Uma Bali

Inspirational

मैं आज़ादी

मैं आज़ादी

2 mins
417

मैं आज़ादी ...

सशक्त ,प्रबल ,प्रतिभावान 

सतेज,सुलभ,भोली मुस्कान !!!!


सनक बन खून मे दौड़ी

जन्मसिद्ध अधिकार बनी!!!!


राजनीति के गलियारों में

तीर बनी तलवार बनी!!!!


कभी बनी आँख की किरकिरी

कभी दिल से दिल का तार बनी!!!!


जनमानस से मुखरित हो कर

न्याय की पतवार बनी !!!!


बाधाओं कष्टों को सह कर

लोकतन्त्र का आधार बनी!!!!


ख़ुशियाँ झूमी ,ख़ुशियाँ गाई

संविधान का विस्तार बनी!!!!


नदी नीर संग उछली कूदी

पर्वतों का प्यार बनी!!!!


शहर शहर और गाँव गाँव में

ख़ुशहाली का द्वार बनी!!!!


पर••••••

आज घुटन में जी रही हूँ ,

विष के प्याले पी रही हूँ ॥


शोषित हो गई हूँ ,

अपनों के व्यवहार में ॥


जाति पाती के प्रपंचों में,

आरोपित भ्रष्टाचार में ॥


बँट गई हूँ अर्शों में,

बीमार मानसिकता के,

खोखले आदर्शों में ॥


इतना दुरुपयोग हो गया,

कहीं लालच और लोभ हो गया ॥


हर न ले कोई डरती हूँ ,

कर जोड़ विनय ये करती हूँ ॥


अंतर्मन को ज़रा झिंझोड़ो 

व्यवस्थित मर्यादाएँ न तोड़ो 


अपने प्रिय को छोड़ के पीछे

कैसे मंगल गाऊँ मैं ?


व्यवस्था चले सुचारू

तब ही तो जी पाऊँ मैं ॥॥

          


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational