पैसा
पैसा
जीवन का हर रंग है पैसा
जीने का अब ढंग है पैसा
प्यार का सिमटता रूप देख लो,
हर शै पर परवान है पैसा।
कौन सा दीन कैसी सच्चाई,
अब तो धर्म ईमान है पैसा ।
फ़र्ज़ और त्याग की बातें छोड़ो,
हर रिश्ते की जान है पैसा ।
प्रार्थना भी व्यापार बन गई,
बैठा बन भगवान है पैसा।
अपना अपना खाता सब का,
करमों का भुगतान है पैसा,
मैं भी पैसा तू भी पैसा,
सब का दिल और जान है पैसा।