कविता गढ़ती है शब्द और शब्द गन्धाते हैं कविता जैसे चौपाल से संसद तक गढ़ी जाती हैं ज़ुल्म की अनगि... कविता गढ़ती है शब्द और शब्द गन्धाते हैं कविता जैसे चौपाल से संसद तक गढ़ी जाती...
तंग ना होने देंगे हम जंग ना होने देंगे। तंग ना होने देंगे हम जंग ना होने देंगे।
उनके आशाओं को रौंदता शोषित करता निम्न वर्ग को उनके आशाओं को रौंदता शोषित करता निम्न वर्ग को