राजीव का पुनर्जन्म
राजीव का पुनर्जन्म
तू पुनर्जन्म लेकर के
आजा मेरो कुटिया में
यह छोड़ विदेशी सोफा
बैठेंगे संग खटिया में।।
पीसेंगे नीम का काढ़ा
और तुलसी पान करेंगे
खादी का कुर्ता पहनकर
भारत का गान करेंगे।।
बोलेंगे अपनी भाषा
एक गुरुकुल भी खोलेंगे
जहां नन्हे नन्हे बच्चे
सियाराम कृष्ण बोलेंगे।।
सोए बस्ती में जाकर
फिर से है अलख जगाना
मैं करूं याचना तुमसे
तू शीघ्र धरा पर आना।।
फिर से हम दोनों मिलकर
धरती आकाश करेंगे
जो छुपे तेरे हत्यारे
उसे पर्दाफाश करेंगे।।
अभियान रहा जो तेरा
उसको है सफल बनाना
है भारत को हमें फिर से
सोने की चिरईं बनाना।।