महागौरी माँ अष्टम दिवस रूप
महागौरी माँ अष्टम दिवस रूप
शिव की अर्धांगिनी माँ गौरी का !
अधिष्टात्री दुर्गा का विशिष्ट है रूप !
लाल, बैगनी रंग अति प्रिय है मैया को !
शुभ दर्शन में निहित दिव्य स्वरूप !!
बृषभारूढ़ा हैं ये उज्ज्वला,
जो साधै मंत्र तप और जाप !
धन - धान ऐश्वर्य प्रदायिनी ,
तुलसी पूजन उपरांत हरे त्रिलोकी ताप !!
सोमचक्र को कर देतीं जागृत !
अंशकालिक कार्य हो जाते संतृप्त !!
पड़वा अष्टमी को व्रत होता है सम्पन्न !
अन्नपूर्णा की झलक से क्षुधा हो तृप्त !!
आज जगदम्बे भवानी का ,
अष्टम रूप हैं यह माँ गौरी !
नारियल प्रिय है देवी को,
करें भक्तगण इनकी चिरौरी !!
अष्टम दिवस है भगवती की ,
माँ गौर बरन भुज चार !
महागौरि हैं चैतन्यमयि,
जो अभय करें समस्त संसार !!