नई कलम को भी मौका देना होगा
नई कलम को भी मौका देना होगा
बहादुर क़लम ही लिख पाती हैं सच,
और वही बेखौफ होकर लिख सकती है।
समझदार क़लम जो सबको सन्देश देती है ,
वो समाज को एकदम बदलकर रख देती है।।
विरले ही कोई सच लिख पाता है यहाँ,
चुप रहनेवाली क़लम को मुखर होना है।
सत्य प्रतिवेदन करना यहाँ कठिन है बहुत,
गर्व से थामकर चलना सत्य की उंगलियां।।
कुछ तो कइयों की क़लम यहां लिख चुकी,
और कुछ लोगों को लिखने नहीं दिया गया।
सबको नई नवेली क़लम से उम्मीद है बहुत,
देखें यहाँ क़लम से कितना काम लिया गया।।
कुछ डरी हुई कलम को साहस देना होगा,
तभी समाज का सत्य उभरकर आ पाएगा ।
नई कलम पर भी सबको करना होगा भरोसा,
तभी नया लेखक अपना जौहर दिखा पाएगा।।