चतुर्थ दिवस माँ कुष्मांडा
चतुर्थ दिवस माँ कुष्मांडा
करे जो सच्चे मन से ,
माँ कुष्मांडा की आराधना।
उनसे प्रसन्न होकर माँ ,
पूरी करती हैं उनकी उपासना।
जो माँ को दिलसे याद ,
करते है इन दिनों में।
निश्चित ही वो सब जन ,
पाते है माँ दुर्गा के दर्शन।
अलग अलग रूपो में माँ ,
आकर देती सबको दर्शन।
दिखाती है अपने नौ रूप ,
हर रूप में है शक्ति का प्रदर्शन।
बड़ी कठिन साधना और ,
तपस्या होता है करना ।
अपने मन के भावों को ,
बहुत संयमित पड़ता है करना।
दया का भाव सदा ही,
अपने अंदर जगाना पड़ता है।
तभी तो माँ भवानी का ,
ह्रदय में प्रवेश हो पाता है।।
©®V. Aaradhyaa