नारी शक्ति का रूप
नारी शक्ति का रूप
नारी अंबा नारी दुर्गा नारी शक्ति का अवतार है,
नारी से जन्मा है मानव
नारी शक्ति की पालनहार है ...!!
नारी करुणा नारी ममता
नारी संस्कारों की जीवंत खान है,
नारी बन जाती तब चण्डी
जब आती अपनों पर संकट की मार है...!!
नारी को अबला ना लाना समझो
वह तो गुणों और शक्ति की खान है,
घर को वह बना दे मंदिर
ऐसी गृह लक्ष्मी देवी रूप मल्हार है...!!
करो सम्मान हमेशा नारी का
वह हृदय में रखती प्रेम अपार है,
वो सीता वो सावित्री वो अहिल्याबाई
ठान लेती इक बार जो कर देती पूर्ण वो काम है..!!
नारी कदम कदम पर देती
हर मुश्किल में तुम सब का साथ है,
आखरी सांस भी कर देती निछावर
अपनों को करती इतना प्यार है..!!
नारी के आत्मविश्वास को कम ना आंको
नाको चने चबा देती ऐसी झाँसी की अवतार है,
यमराज से लाती प्राण वो वापस
कर देती नतमस्तक उनको ऐसी देवी महान है...!!