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Vishant Kumar

Abstract

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Vishant Kumar

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किसान है हमारे देश की शान

किसान है हमारे देश की शान

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किसान है भारत की जान, किसान है भारत की शान

कभी ना भूलना इनके अहसान, किसान है भारत की पहचान


सुबह सुबह जल्दी उठै, अपने खेतो को जाते है

पूरे दिन करें किसानी, समय अपना ना गवाते है

ये डाल देते है, बंजर भूमि मे भी जान

किसान है भारत की जान, किसान है भारत की शान


कड़ी मेहनत करें खेत मे, सारी फसले उगाते है

तभी तो दुनिया मे भारत के खेत लहराते है

सोने जैसा उगाते है देश मे, गेंहू और धान

किसान है भारत की जान, किसान है भारत की शान


रबी -खरीफ -जायद की फसले अपने खेतो मे बोते है

खाली न छोड़े खेतो को, पाप ऐसा कभी ना कमाते है

करते रहते अपने खेतो मे, भूमि पूजन और बिधान

किसान है भारत की जान, किसान है भारत की शान


गंगा यमुना के मैदानों मे, किसानी ये करते है

देश के लिए अन्न जुटाने मे, दिल जान एक करते है

जीवन भर उगाते हम सबके लिये, खेत खलिहान

किसान है भारत की जान, किसान है भारत की शान


लट्ठे जैसा गन्ना उगाकर, देश का नाम बढ़ाते है

चीनी बनने अब्बल दर्जे की, ऐसे देश का गौरव बढ़ाते है

कभी कभी भगवान भी लेता है, इनका इम्तहान

किसान है भारत की जान, किसान है भारत की शान


जरूरत पड़े देश को तब, देश रक्षा के लिये जुटते हैं

देशभक्ति है इनके अंदर, कभी पीछे न हटते हैं

बिश्व पटल पर बढ़ाते, अपने देश का मान

किसान है भारत की जान, किसान है भारत की शान


बेटे किसानो के ज्यादातर, सेना मे जाते हैं

देशभक्ति लिये सीने मे, देश के लिये जीते हैं

कभी ना करते कभी खुद पर ये अभिमान

किसान है भारत की जान, किसान है भारत की शान।


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