तुम मेरी हो जान,मेरी ही रहोगी। तुम मेरी हो जान,मेरी ही रहोगी।
ये प्रताप की दी हुई सीख है वाह पगड़ी तू भी क्या चीज है। ये प्रताप की दी हुई सीख है वाह पगड़ी तू भी क्या चीज है।
हमारे सर की हिफ़ाजत करती है,पगड़ी हमारी इज्जत से मोहब्बत करती है,पगड़ी। हमारे सर की हिफ़ाजत करती है,पगड़ी हमारी इज्जत से मोहब्बत करती है,पगड़ी।
अब नहीं बचे थे दिल में उसके जीने के अरमान, कई रस्मों - रिवाजों का डालकर भार, अब नहीं बचे थे दिल में उसके जीने के अरमान, कई रस्मों - रिवाजों का डालकर भार,