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Chetna Gupta

Romance

3  

Chetna Gupta

Romance

खामोशी भी कहती है

खामोशी भी कहती है

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यह पगड़ी माना कि मेरे घरवालों को तुम्हारे धर्म का प्रतीक लगती है,

जो उन्हें मुझे तुमसे दूर करने की चाहत में बुनती है

पर तुम्हारी वो पगड़ी ही है जो तुम्हारी आंखों से ज़्यादा चेहरे पे जँचती है,

तुम्हारी यह पगड़ी जब तुम्हारे गालों और मेरे होटों के बीच ना आ सकी तो क्या व्व हमारे रिश्ते के बीच आ सकेगी?

हो सकता है कि इस पगड़ी के लिए जन्मी छोटी सोच हमारे साथ ना होने की वजह बनने की कोशिश करे

पर याद रखना वो हर कोशिश नाकाम होगी

तुम मेरी हो जान,मेरी ही रहोगी।


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