सीने में धधकती आग में उन दरिंदों को डाल देते हैं सीने में धधकती आग में उन दरिंदों को डाल देते हैं
तुम मेरी हो जान,मेरी ही रहोगी। तुम मेरी हो जान,मेरी ही रहोगी।
शहर की अंधी दौड़ में गांव को भूले घरवाले। शहर की अंधी दौड़ में गांव को भूले घरवाले।
कितना भी कमा लो, जेब खाली ही रहतीहै...! कहीं जेब फटी तो नहीं है...? कितना भी कमा लो, जेब खाली ही रहतीहै...! कहीं जेब फटी तो नहीं है...?
खरीद कर लाई औरत की जिंदगी क्या और कैसी होती है...? बस जिसने खरीदा उसके इशारे पर नाचना... और दुनिया भ... खरीद कर लाई औरत की जिंदगी क्या और कैसी होती है...? बस जिसने खरीदा उसके इशारे पर ...