पट्टी जो लगी थी सामने उसे पिता ने उखाड़ लिया था पट्टी पे लिखे लफ़्ज़ों को पढ़कर मुस्कुरा पट्टी जो लगी थी सामने उसे पिता ने उखाड़ लिया था पट्टी पे लिखे लफ़्ज़ों को पढ़कर म...
सीने में धधकती आग में उन दरिंदों को डाल देते हैं सीने में धधकती आग में उन दरिंदों को डाल देते हैं
आज के अर्जुन पथ से भटके राह न कोई आगे है। आज के अर्जुन पथ से भटके राह न कोई आगे है।
आकर हमें बचाओ ना ओ कान्हा तुम आओ ना। आकर हमें बचाओ ना ओ कान्हा तुम आओ ना।
प्रेम की बारिश जब हुई फ़िज़ां में, वक़्त भी सुस्ताया, कुछ पल ठहर कर। प्रेम की बारिश जब हुई फ़िज़ां में, वक़्त भी सुस्ताया, कुछ पल ठहर कर।
आँखों पर पट्टी बाँध जी रहे उनकी रोशनी लौटा सके जो। आँखों पर पट्टी बाँध जी रहे उनकी रोशनी लौटा सके जो।