पानी
पानी


जो बहता था हर समुन्दर
झील नदी किनारे में कभी
वो अब नहीं दिखता हर कहीं,
जो शून्य की रकम में ही
गरीबों तक को मिलता था
अब बंद बोतलों का
मोहताज जो चला है,
जो जल बचपन मे भाई से
लड़ाई होने पे उसके
ऊपर गीरता था,
अब वो विश्व युद्ध तीन का
कारण है।