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Chetna Gupta

Abstract Tragedy

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Chetna Gupta

Abstract Tragedy

घर

घर

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इसी घर का सपना देखा है मैंने,

सब बच्चे बचपन में यही सोचते होंगे,


कि ऐसे ही घर में वो जन्में,

पर जब होने लगे यह मेरे नन्हे पैर बड़े,


समझी मैं की रहती हूं कि

एक ऐसे घर में जहाँ बस लोग लड़े,


इसलिए यह घर है सपना

मेरे कई सपनो में से।


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