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Kanchan Shukla

Inspirational

4  

Kanchan Shukla

Inspirational

बेटियां

बेटियां

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बेटियां अनचाही नहीं,

बेटियां गुरूर हैं,

जीवन की बगिया का,

खुबसूरत फूल हैं,

मां के नयनों का स्वप्न हैं,

दिल में छुपी आस हैं,

सावन की फुहार हैं,

राग मल्हार हैं,

कान्हा की बंसी की तान हैं,

गीता का ज्ञान हैं,

राम की मर्यादा हैं,

देश की शान हैं,

धार उसमें शस्त्र जैसी,

नाज़ुक हैं फूल जैसी,

धैर्य है पाषाण जैसा,

क्रोध है अग्नि जैसा,

सृष्टि की सृजन कर्ता,

विध्वंस की भी ताकत है,

जिस दिन इस धरती से,

बेटियां विलुप्त होगीं,

सृष्टि का विलय है निश्चित,

इसमें संदेह नहीं,

बेटियों को मान दो,

उनको सम्मान दो,

बेटियां तो आस हैं,

मन का विश्वास हैं,

बेटियां तो सागर में,

छुपी रत्नों सी अनमोल हैं,

बेटियां तो राम हैं,

बेटियां तो कृष्णा हैं,

बेटियां गुरूवानी जैसी,

बेटियां अजान हैं,

बेटियों को कहना नहीं,

कभी तुम अनचाही सी,

बेटियां तो ईश्वर का,

अनमोल उपहार हैं।।



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