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Kanchan Shukla

Romance

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Kanchan Shukla

Romance

ज़ख़्म

ज़ख़्म

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मोहब्बत करने वाले ज़ख्मों को दवा कहते हैं,

ज़ख्म का मिलना लाज़मी है,

मोहब्बत आसां कहां होती है ?

ज़ख्म की गहराई रूह़ को सुकूं देती है

दर्दे ज़ख़्म यह बताते हैं,

मोहब्बत कितने गहरे रूह़ में समाई है,

मोहब्बत में वफ़ा मिले तो खुदा की इनाय़त है,

वह ख़ुशनसीब हैं जिन्हें वफ़ा का हार मिला,

वरना जफ़ा व ज़ख्म मोहब्बत की फ़ितरत है

मोहब्बत करने वाले पैगाम इस जहां को देते हैं,

इश्क़ तो इबादत है खुदा की,

जो इश्क़ करते हैं वह रूसवाई से कहां डरते हैं,

मोहब्बत को गुनाह समझने वालों,

इश्क़ करने वालों का एलान सुन लो

मोहब्बत करने वाले इश्क़ को पाक समझते है

मोहब्बत करना इतना आसान नहीं,

दर्दे दिल जख्में जिगर लेना पड़ता है,

तब कहीं मोहब्बत करने वाले,

दिलों के सरताज हुआ करतें हैं,

मोहब्बत दुआ है, मोहब्बत दवा है,

मोहब्बत करने वालों का मोहब्बत ख़ुदा है।।



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