STORYMIRROR

Kanchan Shukla

Romance

4  

Kanchan Shukla

Romance

तुम से मिलना अच्छा लगता है

तुम से मिलना अच्छा लगता है

1 min
300

तुम पास आकर जब,

मुस्कुराते हो,

प्यार का इज़हार,

आंखों से करते हो,

लब़ ख़ामोश रहते हैं,


दिल बातें करता है,

मेरी धड़कन की भाषा,

तेरी धड़कन सुनती है,

जज़्बातों का इक़रार,

जज़्बात करते हैं,

ख़ामोश रहकर भी,

तुम सब कुछ कह देते हो,


तेरी ख़ामोशी का पैग़ाम,

मुझको अच्छा लगता है,

लब़ों के इज़हार करने से,

महबूब की होती है रूसवाई,

तेरा सम्मान देना यूं,

मुझको अच्छा लगता है,

मोहब्बत तुमने मुझसे की,

मोहब्बत मैंने तुमसे की,


हम पास न आए,

नदी के दो किनारे थे,

पर यादों की हर लहरें,

हमें स्पर्श करतीं थीं,

दूर रहकर भी,

मेरे पास रहना तेरा

,

मुझको अच्छा लगता है,

तेरे जज़्बात सच्चे हैं

यह अहसास है मुझको,

तेरे दिल की धड़कन,

हर पल,

मेरा नाम लेती है,

तेरी सांसों का यह इज़हार,

मुझको अच्छा लगता है,

दिल की स़रगोशियां,

कुछ कहना चाहें हैं,

तेरी स़रगोसियों का पैग़ाम,

मुझकोअच्छा लगता है।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance