अपने माँ बाप को ही, अपनी दुनिया मानती थी अपने माँ बाप को ही, अपनी दुनिया मानती थी
बेटियां अनचाही नहीं, बेटियां गुरूर हैं। बेटियां अनचाही नहीं, बेटियां गुरूर हैं।
तुम उड़ जाओ कहीं और हर पिंजरे हर बंदिश से दूर तुम उड़ जाओ कहीं और हर पिंजरे हर बंदिश से दूर